(2)My Diary:- मेरे अपने विचार


दूसरा भाग:-
शिकायत करने के बाद••••••••••••••••
मेरी मां बोली तू वहां मत जाया कर तुझे कुछ हो जाएगा तो बीमार हो जाएगा तेरी जिंदगी खराब हो जाएगी तुझे भूत मार देंगे तुझे भगवान से डरना चाहिए कहीं तेरे अंदर आत्मा तो नहीं है कहीं तू राक्षस तो नहीं नहीं तू भूतों की पूजा तो नहीं करता और ना जाने क्या-क्या कहा मैंने सोचा मां को तो भगवान कहते हैं फिर मेरी मां मुझे डरा क्यों रही है समझा भी तो सकती है मेरे मरने का डर क्यों दिखला रही है जब मेरी समझ में आया कि भगवान ही डर है शायद आपको पता नहीं है कि मैं भी एक आम इंसान हूं जो कि अपने सारे शॉक करता हूं। मेरे अंदर भी कई बुरी आदत हैं मगर मेरे अंदर जो आदतें हैं जिन्हें आप खराब बोलते हैं वह है मेरे भीतर मैं कोई भगवान थोड़ी ही हूं जोगी एकदम शरीफा की तरह शरीफ रहूं या सीधा रहूं अरे जब आप यह बोलते हो कि सबकुछ परमात्मा की मर्जी से चल रहा है है तो क्यों दूसरे पर आरोप लगाते हो कि तूने ऐसा क्यों किया जब सब भगवान की मर्जी से होता है तो हत्या रेप धोखा आदि सब कुछ भगवान की मर्जी से होता होगा इसे क्यों नहीं मानते कि यह सब भगवान की मर्जी से हुआ है आप एक तरफ तो राक्षसों को बुरा कहते हो और दूसरी तरफ यह कहते हो कि सब कुछ भगवान की मर्जी से हो रहा है यह दोगलापन कहां से लाते हो आप तो अपनी बातों पर ही भेजते नहीं हो तो क्यों दूसरों पर आरोप लगाते हो क्यों आप अपने आपको हमेशा सही कहते हो अगर सभी अपने आप सही कह रहे हैं चाहे वह गलत हो तो क्या हम सही हैं मेरा सवाल यह नहीं कि तुम क्या हो मेरा सवाल है तुम क्यों हो।
सोचो विचारशील बनो।
मान लो एक किसान है जो कि गरीब है बस उसके पास खेती का साधन है और कुछ नहीं है तो आप उसके प्रति थोड़े दुखी प्रतीत होंगे कि यह ऐसा क्यों है और आप भगवान यह सरकार को जिम्मेदार ठहरा दोगे और जिम्मेदार ठहराने के बाद आप उसी भगवान को पूजा की भगवान मेरी रक्षा करना मैं आपके द्वार पर 11 नारियल और ₹11 चढ़ा लूंगा या चद्दर चढ़ा लूंगा आप उस किसान को भूल जाते हो उसके दुख को भूल जाते हो थोड़ी देर के लिए कि वह कैसा है ।
और जब किसान याद आता है तो वही बात कहते हैं इसके लिए भगवानों सरकार जिम्मेदार है अरे मेरे भाइयों जिम्मेदार वह खुद हैं अगर किसान को सरकार या भगवान पूर्ण सुख दे दे तो यह धन दौलत दे दे तो क्या वह अब आगे किसानी करेगा पता है आपको करोड़ों लोग किसानी छोड़ चुके हैं इस आनी अधिकतर कोई करना नहीं चाहता क्योंकि अब वह सर्वगुण संपन्न हैं इसलिए कोई जिम्मेदार नहीं हम खुद जिम्मेदार हैं।
कोई कहता है कि सब्र का फल मीठा होता है कोई कहता है कि कल करे सो अब कर कोई कहता है ईश्वर एक है अरे ईश्वर एक है तो ईश्वर के लोग एक जैसे क्यों नहीं क्यों अलग-अलग भगवान है अरे मानव ईश्वर तो एक जब होगा जब ईश्वर हो जो है ही नहीं उसे लेकर तो ऐसा होगा जो दुनिया में चल रहा है आरोप-प्रत्यारोप दुनिया भी अजीब है ना ना जाने कैसे-कैसे लोग हैं इस दुनिया में कोई पेशाब पीता है गाय का तो कोई मांस खाता है गाय का मैं यह नहीं कहता कि मांस मत खाओ यार ऐसा मत पियो मगर विचार तो करो ऐसा आप क्यों कर रहे हो कहीं ऐसा तो नहीं सोचते आप ऐसा नहीं करोगे तो भगवान नहीं मिलेगा पता है भाइयों भगवान एक कॉपीराइट है कुछ धर्म के ठेकेदारों का जिससे उनकी दुकानें चलती हैं और आपको पता होगा कि धर्म के ठेकेदार कितने गरीब होते हैं बेचारे कितने गरीब होते हैं।
भाइयों दोस्तों मित्रों क्यों एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते हो साथ मिलकर रहो क्यों अलग देश अलग धर्म अलग हिंदू राष्ट्र अलग मुस्लिम राष्ट्र बनाते हो जब कुदरत ने अलग जगह नहीं दी तो क्यों अलग होते हो मैं सबको अपना मानता हूं मेरा स्वभाव आपके सामने अलग दिख सकता है मगर मेरे अंदर इंसानियत है मैं किसी हरिजन या बाल्मीकि या मुसलमान या पंडित या कोई हो यह अपने दलित में उसे अपने आप से अलग नहीं मानता सब मेरे अपने साथी हैं जिन्होंने इस पृथ्वी पर जन्म लिया है मैं आपके बिना कुछ नहीं हूं क्योंकि आप ही तो कुछ कहोगे अच्छा या बुरा जब आप ही ना होंगे मेरे साथ तो कौन कहेगा कि तू अच्छा या बुरा है।
जैसा कि मैं कहता हूं जिसे आप ढूंढ रहे हो वह आप खुद हो आप खुद को मानो ।
आप स्वयं ही एक परमात्मा हो।
:-गोविंद वर्मा
𝐍𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧𝐚𝐥𝐢𝐬𝐭 𝐆𝐨𝐯𝐢𝐧𝐝 𝐕𝐞𝐫𝐦𝐚
Mob- +917088860095
           +918449614519
Add-Baraula Jafrabad,Aligarh 202001.

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